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16वें एशियन गेम्स में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि शुरुआत में पदकों का कारवां धीमे-धीमे चल रहा था लेकिन इस कारवां ने सही समय में गति पकड़ी और इस बार के खेलों को यादगार बना गई.
इस बार एशियन गेम्स में हम 14 स्वर्ण, 17 रजत और 33 कांस्य पदक सहित रिकार्ड 64 पदक जीतकर छठे स्थान पर रहे. इसके साथ ही हमने 1982 में दिल्ली एशियाई खेलों में जीते 57 पदकों के आंकड़े को भी पीछे छोड़ दिया. हालांकि अभी तक सबसे ज़्यादा स्वर्ण पदक हमने 1951 के दिल्ली एशियन गेम्स में जीते थे. तब हमने 17 स्वर्ण पदक जीते थे लेकिन तब एशियन गेम्स में भाग लेने वाले देशों की संख्या भी बहुत कम थी.
राष्ट्रमंडल खेलों की तरह सभी लोग सोच रहे थे कि एशियन गेम्स में भी हम स्वर्णिम बरसात करेंगे लेकिन कड़े मुकाबले के बीच एशियन गेम्स में पदक जीतना इतना आसान नहीं होता. वहां तो सिर्फ चीन का दबदबा होता है. फिर भी हमने आशा से अच्छा प्रदर्शन करते हुए कई कीर्तिमान बनाए.
एशियन गेम्स में सबसे यादगार लम्हा तब था जब बजरंग लाल ने नौकायन में स्वर्ण पदक जीता. किसी ने इस स्वर्ण पदक की कल्पना भी नहीं की थी. परन्तु यह बजरंग का जुनून ही था जिसने उनको पदक दिलाया.
इसके अलावा सोमदेव की दोहरी सफलता, विजेंद्र के मुक्के के साथ-साथ हमने एथलेटिक्स में एक नए अध्याय की शुरुआत की. एथलेटिक्स में इतने अच्छे प्रदर्शन से सभी अचंभित थे.
2010 ग्वांगझाऊ एशियन गेम्स में भारत के स्वर्ण पदक
1. पंकज आडवाणी : (क्यू स्पोर्ट्स – मेन्स इंगलिश बिलियर्ड सिंगल)
2. बजरंग लाल ठक्कर : (2000 मी नौकायन स्पर्धा)
3. सोमदेव देववर्मन : (टेनिस – पुरुष एकल)
4. सोमदेव देववर्मन और सनम सिंह : (टेनिस – डबल्स)
5. एथलेटिक्स : प्रीजा श्रीधरन (महिलाओं की 10,000 मीटर दौड़)
6. एथलेटिक्स : महिलाओं की 4×400 मीटर रिले (मनजीत कौर, सिनी जोस, अश्विनी चिदानंदा और मनदीप कौर)
7. एथलेटिक्स : जोसफ इब्राहम (पुरुष हर्डल रेस)
8. एथलेटिक्स : अश्विनी (महिला हर्डल रेस)
9. एथलेटिक्स : सुधा सिंह (3000 मीटर की स्टीपलचेज स्पर्धा)
10. कबड्डी : पुरुष
11. कबड्डी : महिला
12. विजेंदर सिंह : मुक्केबाजी 75 किलोग्राम भार वर्ग में
13. विकास कृष्णन : मुक्केबाजी 60 किलोग्राम भार वर्ग में
14. शूटिंग – रंजन सोढ़ी (पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा)
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