- 29 Posts
- 12 Comments
एशियाई खेलों में जिम्नास्टिक और स्विमिंग ऐसी स्पर्धाएं हैं, जिसमें हमने कभी भी पदक की उम्मीद नहीं रखी थी. बात यहां तक आ गई थी कि राष्ट्रमंडल खेलों की जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले आशीष कुमार को बजट न होने के कारण एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए मना कर दिया गया था. लेकिन अगर आपको अपने पर भरोसा हो और कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो ऐसा कोई मुकाम नहीं है जिसे आप हासिल नहीं कर सकते हैं.
आशीष को ग्वांगझाऊ न भेजे जाने पर उनके कोच व्लादिमीर चर्तकोव ने कहा था कि अगर आशीष को एशियाई खेलों में भाग लेने का मौका नहीं मिला तो यह बहुत बड़ी भूल होगी क्योंकि आशीष प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिसने राष्ट्रमंडल खेलों में देश को पहली बार जिम्नास्टिक में पदक दिलाया अतः आशीष के पास पूरा हक है कि वह एशियाई खेलों में भाग लें.
यह तो थी पुरानी बातें जिसने आशीष को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा दी, उसने मन ही मन ठान लिया कि मुझे उन सबको दिखाना है जो मेरे खिलाफ़ थे. आशीष के जहन में ज्वालामुखी उफ़ान मार रहा था जो 16 नवम्बर को ग्वांगझाऊ में फूटा. जिसके कारण आशीष कुमार ने इतिहास बनाते हुए पुरुष वर्ग की कलात्मक जिम्नास्टिक की फ्लोर स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. इलाहाबाद के इस जिम्नास्ट ने 14.92 का फाइनल स्कोर बनाया. गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह पदक चीन, जापान और दक्षिण कोरियाई जिम्नास्टों के खिलाफ़ जीता
खाड़े ने रचा इतिहास
कल ग्वांगझाऊ में इतिहास बनाने वाले केवल आशीष कुमार अकेले नहीं थे. 19 वर्षीय वीरधवल खाड़े ने स्विमिंग में 24 साल का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक जीता. वीरधवल खाड़े ने मंगलवार को एशियन गेम्स में स्विमिंग की 50 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में यह कारनामा किया. उन्होंने 24.31 सेकंड का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया.
Read Comments